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इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष)

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इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष)

जब कोई पुरुष संभोग के समय अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन या स्तंभन लाने में नाकामयाब हो जाता है या फिर उसको बरक़रार नहीं रख पाता,  यद्यपि पुरुष अपनी सहयोगी साथी के साथ यौन क्रिया करने की तीव्र इच्छा रखता है, किन्तु लिंग में ढीलेपन (तनाव की कमी) के कारण वह यौन सम्बन्ध नहीं बना पाता, यदि वह अपने भरपूर प्रयासों से यौन क्रिया करता भी है तो वह तनाव प्राप्त नहीं कर पाता और थकान, पसीने और कुंठा से भर जाता है तब उस स्तिथि को इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष कहते है इरेक्टाइल डिसफंक्शन लाइलाज नहीं है, इसे उपचारित किया जा सकता है। कभी-कभार संतोषजनक संभोग के लिए गुप्तांग में इरेक्शन ना ला पाना कोई असामान्य बात नहीं हैं | परन्तु अगर यह अक्सर होता आ रहा है (लगभग 50 प्रतिशत वक़्त) तो यह परेशानी का संकेत हो सकता है | नज़रअंदाज़ करने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन न केवल संतोषजनक संभोग करने में बाधा डालता है परन्तु एक दम्पति के बीच दूरियाँ भी पैदा कर देता है | इसके साथ-साथ पुरुष के स्वाभिमान को भी भारी ठेस पहुँचती है |  “स्तंभन दोष कभी-कभी हृदय संबंधी बिमारियों का संकेत भी हो सकता है | इसीलिए इस चीज़ को दबाने के बजाय डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए |”

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) के कारण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित अधिकांश लोग चिड़चिडे हो जाते हैं और उनका कॉन्फिडेंस भी कम हो जाता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह शारीरिक या मानसिक हो सकती है। अगर किसी खास समय इरेक्शन हो और सेक्स के दौरान नहीं तो यह समस्या मानसिक होती है। खास समय का मतलब सुबह सोकर उठने पर, पेशाब करते वक्त या सेक्स के बारे में सोचने आदि समय पर यदि इरेक्शन नही होता है तो समस्या शारीरिक स्तर पर है।

       संभोग के लिए गुप्तांग को उत्तेजित करना कई चीज़ों पर निर्भर करता है |  यह एक पेचीदा क्रिया है जिसमें मस्तिष्क, होर्मोनेस, गुप्तांग में रक्त का बहाव, नसें, मांसपेशियाँ और पुरुष की भावनाएँ सभी एक एहम भूमिका निभाती हैं | इनमें से अगर किसी एक में भी दिक्कत आ जाए तो यह परेशानी उत्पन्न हो सकती है | इरेक्टाइल डिसफंक्शन कैसे होता है, यह समझने के लिए हमे पहले यह समझना होगा की गुप्तांग में स्तंभन कैसे होता  है | गुप्तांग कई दलदले और नरम मांसपेशियों से बना हुआ है | संभोग के दौरान मस्तिष्क की नसें एक केमिकल छोड़ती है जिससे गुप्तांग में रक्त का बहाव बढ़ जाता है | ऐसा होने पर वे मांसपेशियाँ उस रक्त को गुप्तांग के अंदर रोक लेती है जिससे वह इरेक्ट और मज़बूत हो जाता है | संभोग के पश्चात मस्तिष्क की नसें फिर से गुप्तांग को सिग्नल भेजतीं हैं जिस्से रक्त बाहर आ जाता है और स्तंभन खत्म हो जाता है | इस क्रिया में शामिल किसी भी हिस्से में परेशानी आने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |

हृदय सम्बंधित कारण (cardiovascular causes)

पेनिस के सख्त होने का मुख्य कारण उसमें खून का बहाव होता है। जब कभी भी लिंग में खून के बहाव में कमी आती है, तो उसमें पूरी सख्ती नही आ पाती और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन शुरू हो जाता है।

इसमें सबसे आम कारण है arteriosclerosis जिसमें गुप्तांग में मौजूद रक्तवाहिनी (arteries) किनी कारणों की वजह से सख़्त हो जाती हैं | सख़्त होने के कारण वे बंद हो जाते है जिससे सही मात्रा में रक्त गुप्तांग तक नहीं पहुँच पाता | इसकी वजह से गुप्तांग में स्तंभन नहीं आ पाता |

जिनसे arteriosclerosis होने की सम्भावना बढ़ जाती है :  –

  • अधिक से ज़्यादा वज़न रखना (Obesity)
  • डायबिटीज
  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज़्यादा होना
  • उच्च रक्त चाप होना (high blood pressure)
  • धूम्रपान करना
  • दिल की बीमारी होना

नसों से संबंधित कारण (neurological causes)

कई बार किन्हीं कारणों की वजह से गुप्तांग से जुड़े हुए नसों में आघात पहुँच जाता है जिससे फिर स्तंभन दोष उत्पन्न होता है |                                                                                                                                       
“प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कराने पर या रीढ़ की हड्डी पर आघात पहुँचने पर भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |”

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) से बचाओ

तनाव को दूर करें

बहुत से पुरुष ऐसे होते हैं जो अधिक  तनाव लेने पर स्तंभन दोष के शिकार हो जाते है |   
  “अक्सर मनोवैज्ञानिक परेशानियों – जैसे डिप्रेशन (depression), एंग्जायटी (anxiety)  के कारण पुरुष उचित समय पर इरेक्शन नहीं प्राप्त कर पाते | यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक प्रमुख कारण है |    तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कॉर्टिसोल प्रमुख होते हैं । इनकी वजह से शरीर में कई अनचाहे बदलाव होते हैं और नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है तथा इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ जाता है । कभी-कभी पुरुष अपने पार्टनर को संतुष्टि देने के लिए  भी अधिक तनाव ले लेते हैं जिससे संभोग के दौरान परफॉर्म नहीं कर पाते |”

डायबिटीज को  काबू करें

“डायबिटीज इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने का एक बहुत ही आम कारण है | मधुमेह ग्रस्त 50 से 60 प्रतिशत लोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन से ग्रस्त होते हैं । मधुमेह, इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या का सबसे प्रमुख कारण है। हालांकि ऐसे रोगियों के हार्मोन असंतुलन को ठीक करके उनके स्वस्थ यौन जीवन को दोबारा लाया जा सकता है ।                                                                                                                                                अध्ययनों के अनुसार तकरीबन 36 प्रतिशत मधुमेह रोगी ‘हाइपोगोनाडोट्रॉपिक हाइपोगोनाडिज्म’ नामक विशेष स्थिति से ग्रस्त हैं। इनमें सेक्स ग्रंथियों के उत्तेजित होने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है।    “डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की नसों, आँखों और किड्नीस पर असर डालती हैं, ख़ास तौर पर तब जब काफ़ी समय से शुगर पर नियंत्रण न किया गया हो । तीन तरीकों से यह बीमारी पुरुष के संभोग करने की क्षमता पर असर डाल सकती है ।”

  1. अगर किसी पुरुष का ब्लड शुगर काफ़ी लम्बे समय से अनियंत्रित रहा है तो इससे स्वचल नसों को गंभीर नुक्सान पहुँचता है (autonomic neuropathy) | नसों को नुकसान पहुँचने के कारण वे सही से गुप्तांग की मांसपेशियों को सिग्नल नहीं भेज पाते जिससे इरेक्शन नहीं हो पाता  इस स्तिथि में स्तंभन दोष के अलावा पुरुषों को ये लक्षण भी महसूस हो सकते है – असाधारण रूप से पसीना आना (ख़ास तौर पर खाते वक़्त), अचानक से उठके बैठने पर सर घूमना, घबराहट होना (palpitations) और अचानक – अचानक से कब्ज़ या दस्त हो जाना 
  2.  डायबिटीज से arteriosclerosis भी बढ़ने लगती है | “डायबिटीज होने पर गुप्तांग की रक्तवाहिनी के सख़्त होने की संभावना बढ़ जाती है 
  3. डायबिटीज के साथ-साथ अगर मोटापा भी हो तो अक्सर हॉर्मोन्स में असंतुलन आ जाता है  “मोटापा के कारण पुरुष में मौजूद टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो सकती है जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है 

                            इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) का उपचार

 “अगर स्तंभन दोष होने का कारण तनाव, डिप्रेशन या एंग्जायटी से जुड़ा हुआ है तो उस स्तिथि में हम मरीज़ को psychiatrist की मदद लेने का सुझाव देते है ।
जहाँ तक की संभोग की बात है, गुप्तांग को उत्तेजित करने के लिए दवाइयों और इंजेक्शंस का इस्तेमाल किया जा सकता है ।”  
संभोग करते वक़्त स्तंभन पाने के लिए कुछ आसान से यंत्रों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । इन यंत्रों से पुरुष अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन पा सकते है और उसको बरक़रार भी रख सकते है ।  इनमे से एक यंत्र है गुप्तांग पर पम्प (penis pump)  यह एक खोखला ट्यूब है जो बैटरी से चलता है । इस ट्यूब को गुप्तांग के ऊपर रख कर पम्प की सहायता से हवा बहार निकाल दी जाती है जिससे एक वैक्यूम बन जाता है। यह वैक्यूम रक्त को गुप्तांग के अंदर खींच लाता  है जिससे वह इरेक्ट हो जाता है ।इसके बाद  एक तरह के रिंग का इस्तेमाल करके उस इरेक्शन को बरक़रार रखा जाता है । 

“अगर दवाइयों से इरेक्टाइल डिसफंक्शन ठीक न हो पाए तो सर्जरी भी एक उपाय हो सकता है | पीनाइल प्रॉस्थेसिस या पीनाइल इम्प्लांटेशन एक क्रिया है जिससे ये बीमारी ठीक हो सकती है । इस क्रिया में गुप्तांग के भीतर यंत्र लगाए जाते है जो उसको इरेक्ट होने में मदद करता है।”

“टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने पर डॉक्टर के निर्देशन में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (testosterone replacement therapy) अपनाने से यह परेशानी ठीक हो सकती है ।”

अंत में कारण चाहे जो भी हो, ऐसे वक़्त में एक पुरुष को सबसे ज़्यादा अपने परिवार और दोस्तों की ज़रूरत होती है । भावनात्मक सहायता मिलने से उनको इस परेशानी से जूझने की हिम्मत मिलती है । 

“यह बीमारी पुरुष के लिए शर्मिंदगी ला सकती है इसीलिए ज़रूरी है कि ऐसे समय में आप अपने अपनों से बात करें और मन में कोई दुविधा न रखें” ।

“हर परेशानी का कोई न कोई इलाज होता है । इसीलिए चिंता करने के बजाए ज़रूरी है कि हम उस परेशानी को सुलझाने के लिए सही मेडिकल सुझावों को मानें ।”

स्तम्भन दोष या नामर्दी के  लिए आयुर्वेदिक उपचार :-

 

हार्मोन्स के स्तर में बदलाव के कारण भी यह समस्या हो सकती है । यदि हॉर्मोन की कमी के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो रहा है तो, हॉर्मोन थेरेपी की मदद से इसे 2 से 3 महीनों के अंदर ठीक किया जा सकता है ।

  • प्रजनन अंगों को फिर से जीवंत करने के लिए हर्बल औषधियों का सेवन करें ।
  • ऐसे औषधीय यानि हर्बल तेलों से शरीर की मालिश करें जो श्रम से क्लांत शरीर को राहत दे और कामोद्दीपक के रूप में भी कार्य करे ।
  • मानसिक थकान को दूर करने और तनाव से निपटने के लिए योग और ध्यान का नियमित अभ्यास करें ।
  • प्रतिदिन कम से कम8 घंटे की अच्छी नींद लें ।
  • शराब,तंबाकू, हेरोइन आदि का सेवन ना करें ।
  • नित्य व्यायाम करें ।
  • गर्म,ज्यादा मसालेदार और कड़वे भोजन से बचें ।
  • मिष्ठान्न,दुग्ध उत्पाद, मेवे, और उड़द दाल का सेवन करें ।
  • अपने आहार में थोड़ा घी जोड़ें ।
  • दो संभोगों के बीच चार दिनों का अंतर रखना अच्छा है ।

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